राजस्थान के बाड़मेर में समाज को शर्मशार करने वाली एक सनसनी खेज घटना समाने आई है जिसमे दलित छात्राओ ने कहा कि आवासीय बालिका विद्यालय में दबंग शिक्षिकाए उनसे अपने शारीर की मालिश कराती है नहीं करने पर बाथरूम में नगा कर छड़ी से पिटाई करती है और स्कूल में रखी पानी की मटकियो को छुने पर भी शिक्षिकाए और वार्डन जमकर पिटाई करती है दलित छात्राओ के अनुसार उनपर पिछले कई महीने से इस तरह नंगा कर पिटा जा रहा है जब कुछ समय पहले दो लडकियों ने शिकयत की तो उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था जिसके चलते अब तक कोई शिकायत करने की हिमत जुटा नहीं पाई.
कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका शिविर की इन दलित बालिकाओ ने रोते हुए बताया की शिविर में उनके साथ ज्यदाद्ती होती हें शिक्षिकाए शारिरीक शोषण करती हें खाने में बासी खाना देती हें दलित होने के कारण नास्ता नहीं दिया जाता. राजस्थान के बाड़मेर जिले के बायतु कस्बे के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में करीब पच्चीस दलित छात्राएं जब दिवाली पर अपने घर लौटी और अपने परिवार वालों को अपने साथ हो रहे शोषण के बारे में बताया तो परिवार वाले भी सुनकर दग रह गए. फिर सबके परिवार वाले अपने बच्चों के साथ हो रहे अत्याचार के बारे में जिला कलेक्टर को बताया. आठवीं में पढ़ रही एक छात्रा के अनुसार जब वो मैडम के शरीर की मालिश करने से मना कर देती है तो मैडम दलित बालिकाओ को नंगा कर छड़ी से पीटती है और यह कहती है कि अगर किसी ने शिकयत कर दी तो वो उस बालिका को T.C. देकर बाहर निकाल देगी जिसके चलते कोई भी बालिका शिकयत अब तक नहीं कर पाई. दो दलित लडकियों ने कुछ माह पूर्व शिकयत की तो उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था.
पीडित छात्र के अभिभावक पुनमाराम कहते हैं कि इस संबंध में अब उन्होंने जिला कलेक्टर से अपने बच्चियों के न्याय की गुहर लगाई है. इस मामले में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद छगन लाल श्रीमाली ने बताया की ये गंभीर मामला हैं दलित बच्चियों ने शिक्षिकाओ और वार्डन पर मालिश कराने और पीटने का आरोप लगाया है. हम इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दिया था.
अब इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षिकाओ को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, वंहीं विद्यालय की व्यवस्थापिका को मूल विभाग में भेज दिया गया है. जिला कलेक्टर डॉ वीणा प्रधान ने बताया की आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने शिक्षिकाओ पर गंभीर आरोप लगाये थे. जाँच के दौरान प्रथम द्रष्टया मामला सही पाए जाने पर अनुबंध पर लगी दो शिक्षिकाओ तथा दो वार्डन की सेवाएं समाप्त कर दी है वहीं विद्यालय की व्यवस्थापिका को उनके मूल विभाग में भेज दिया है.
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