राजस्थान के बाड़मेर जिले में दलित छात्राओं ने एक आवासीय बालिका विद्यालय की शिक्षिकाओं पर शरीर की मालिश कराने और ऐसा नहीं करने पर बाथरूम में नंगा कर छड़ी से पिटाई करने का आरोप लगाया है.कुछ समय पहले दो लड़कियों ने जब इसकी शिकायत की तो उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था. उसके बाद फिर कोई छात्रा शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई, लेकिन अत्याचार बढ़ता देखकर आवासीय बालिका विद्यालय की इन दलित बालिकाओं ने अब अपनी आपबीती बयान करना शुरू कर दिया है. उन्होंने रोते हुए बताया कि शिविर में उनके साथ ज्यादती होती है तथा बासी खाना दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि विद्यालय की दबंग शिक्षिकाएं उनसे शरीर की मालिश कराती हैं और ऐसा नहीं करने पर बाथरूम में नंगा करके छड़ी से पिटाई करती हैं. यहां तक कि स्कूल में रखी पानी की मटकियां छूने पर शिक्षिकाएं और वार्डन उनकी पिटायी कर देती हैं. बाडमेर जिले के बायतु कस्बे में स्थित एक आवासीय बालिका विद्यालय में करीब पच्चीस दलित छात्राओं ने जब अपने परिवार वालों को अपने साथ हो रहे इस शोषण के बारे में बताया तो परिवार वाले भी सुनकर दंग रह गए.
परिजनों ने अपने बच्चों के साथ हो रहे अत्याचार के बारे में जिला कलेक्टर को अवगत करा दिया है. आठवीं कक्षा में पढ़ रही एक छात्रा के अनुसार शरीर की मालिश करने से मना करने पर मैडम नंगा कर छड़ी से पिटतीं है और यह चेतावनी भी देती हैं कि अगर किसी ने शिकायत की तो वो उसे बाहर निकाल देंगी. इस कारण कोई भी बालिका अब तक शिकायत नहीं कर पाई.
दो दलित लड़कियों ने कुछ माह पूर्व शिकायत की तो उन्हें स्कूल से ही निकाल दिया गया था. अभिभावक पुनमाराम के अनुसार शिक्षिकाएं मालिश नहीं करने और उनके निजी काम न करने पर बच्चियों को नंगा कर छड़ी से पिटती हैं.
उन्होंने कहा कि हमने जिला कलेक्टर से इसकी शिकायत करके न्याय की गुहर लगाई है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी छगन लाल श्रीमाली ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि दलित छात्राओं के आरोपों की जांच शुरू की जा रही है.
Source: http://www.dalitwatch.com/hindi/?p=534#more-534
उन्होंने कहा कि विद्यालय की दबंग शिक्षिकाएं उनसे शरीर की मालिश कराती हैं और ऐसा नहीं करने पर बाथरूम में नंगा करके छड़ी से पिटाई करती हैं. यहां तक कि स्कूल में रखी पानी की मटकियां छूने पर शिक्षिकाएं और वार्डन उनकी पिटायी कर देती हैं. बाडमेर जिले के बायतु कस्बे में स्थित एक आवासीय बालिका विद्यालय में करीब पच्चीस दलित छात्राओं ने जब अपने परिवार वालों को अपने साथ हो रहे इस शोषण के बारे में बताया तो परिवार वाले भी सुनकर दंग रह गए.
परिजनों ने अपने बच्चों के साथ हो रहे अत्याचार के बारे में जिला कलेक्टर को अवगत करा दिया है. आठवीं कक्षा में पढ़ रही एक छात्रा के अनुसार शरीर की मालिश करने से मना करने पर मैडम नंगा कर छड़ी से पिटतीं है और यह चेतावनी भी देती हैं कि अगर किसी ने शिकायत की तो वो उसे बाहर निकाल देंगी. इस कारण कोई भी बालिका अब तक शिकायत नहीं कर पाई.
दो दलित लड़कियों ने कुछ माह पूर्व शिकायत की तो उन्हें स्कूल से ही निकाल दिया गया था. अभिभावक पुनमाराम के अनुसार शिक्षिकाएं मालिश नहीं करने और उनके निजी काम न करने पर बच्चियों को नंगा कर छड़ी से पिटती हैं.
उन्होंने कहा कि हमने जिला कलेक्टर से इसकी शिकायत करके न्याय की गुहर लगाई है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी छगन लाल श्रीमाली ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि दलित छात्राओं के आरोपों की जांच शुरू की जा रही है.
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