सूरत। उत्तर भारतीय लोगों को अब तक एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ही महाराष्ट्र में अपनी राजनीति का शिकार बनाते रहे हैं लेकिन इस बार उत्तर भारतीयों को गुजरात के सरकारी तंत्र ने अपना निशाना बनाया है। राज्य के सूरत शहर में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले उत्तर भारतीय छात्रों को स्कूल की तरफ से दिए गए लीविंग सर्टिफिकेट में उनकी जाति "भैया" लिख दी गई है।
इसका खुलासा तब हुआ, जब छात्र अपना लीविंग सर्टिफिकेट यानी एलसी लेकर दूसरे स्कूल में दाखिला लेने पहुंचे। इन्हीं छात्रों में से एक राहुल है। उसके माता-पिता उत्तर भारतीय हैं। राहुल की जाति ऐसे तो कुशवाहा है लेकिन स्कूल की तरफ से दिए गए एलसी में दूसरे छात्रों की तरह इसकी जाति भी 'भैया" लिखी गई है। राहुल के माता-पिता को भी इसकी जानकारी तब हुई, जब वो दाखिले के लिए दूसरे निजी स्कूल में पहुंचे।
सूरत नगर प्राथमिक समिति "भैया" लिखे जाने का ठीकरा बच्चों के माता-पिता के सिर पर ही फोड़ रही है। नगर शिक्षण समिति स्कूल के अध्यक्ष अतुल पटेल ने कहा कि बच्चों के मां-बाप एडमिशन के लिए जो फॉर्म में जानकारी देते हैं तो जो जानकारी गलती से आ जाती है तो वही जानकारी जीआर में जाती है और वही एलसी में आ जाती है। एडमिशन के समय में उसने भैया जाति लिखा होगा तो वही जाति एलसी में भी लिखी गई होगी।
इसका खुलासा तब हुआ, जब छात्र अपना लीविंग सर्टिफिकेट यानी एलसी लेकर दूसरे स्कूल में दाखिला लेने पहुंचे। इन्हीं छात्रों में से एक राहुल है। उसके माता-पिता उत्तर भारतीय हैं। राहुल की जाति ऐसे तो कुशवाहा है लेकिन स्कूल की तरफ से दिए गए एलसी में दूसरे छात्रों की तरह इसकी जाति भी 'भैया" लिखी गई है। राहुल के माता-पिता को भी इसकी जानकारी तब हुई, जब वो दाखिले के लिए दूसरे निजी स्कूल में पहुंचे।
सूरत नगर प्राथमिक समिति "भैया" लिखे जाने का ठीकरा बच्चों के माता-पिता के सिर पर ही फोड़ रही है। नगर शिक्षण समिति स्कूल के अध्यक्ष अतुल पटेल ने कहा कि बच्चों के मां-बाप एडमिशन के लिए जो फॉर्म में जानकारी देते हैं तो जो जानकारी गलती से आ जाती है तो वही जानकारी जीआर में जाती है और वही एलसी में आ जाती है। एडमिशन के समय में उसने भैया जाति लिखा होगा तो वही जाति एलसी में भी लिखी गई होगी।
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