मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले में एक राजपूत परिवार के पालतू कुत्ते, 'शेरू' को भेदभाव का शिकार होना पड़ा है.
शेरू को एक दलित महिला ने रोटी खिला दी जिसके बाद उसका मालिक उसे घर में रखने को तैयार नहीं.
सोमवार को कुत्ते पर फ़ैसला करने के लिए गाँव की पंचायत बैठी जिसने ये तय किया कि क्योंकि दलित महिला ने कुत्ते को अछूत बनाया है, इसलिए अब उसे ही कुत्ते को रखना होगा.
पंचायत ने महिला पर 15,000 हज़ार रूपए का जुर्माना भी लगाया.
कुत्ते को गाँव के दलित बहुल इलाक़े में एक खंभे से बाँधकर रख दिया गया.
इस महिला ने मामले की जानकारी पुलिस को दी लेकिन उसका आरोप है कि अबतक इस मामले में एफ़आईआर दर्ज नहीं किया गया है.
अब इस अछूत क़रार दिए गए कुत्ते का विवादित मामला मुरैना के ज़िला अधिकारी, पुलिस और अनुसूचित जाति के ख़िलाफ़ हुए मामलों की सुनवाई करनेवाले हरिजन थाना के पास पड़ा है.
मामला
मुरैना के एक गाँव मानिकपुर में एक दलित महिला, सुनीता जाटव ने गाँव के उच्च जाति के एक प्रभावशाली किसान, अमृतलाल किरार के पालतू कुत्ते को एक रोटी खिला दी.
दरअसल सुनीता अपने पति चंदन जाटव के लिए खाना लेकर गई थी जो खेतों में काम कर
रहा था.
चंदन के खाना खाने के बाद जो रोटी बच गई वो उसकी पत्नी ने इस कुत्ते को खिला दी.
कुत्ते के लिए ये रोटी उसके मुसीबत की जड़ बन गई.
कुत्ते के मालिक अमृतलाल ने उसे रोटी खाते देख लिया और सुनीता पर भड़क गया.
अमृतलाल का कहना था कि रोटी खिलाकर सुनीता ने कुत्ते को अछूत बना दिया.
इस बीच हरिजन थाने के डीएसपी बलदेव सिंह का कहना है कि वो मामले की जाँच कर रहे हैं.
पंचायत के आदेश के मुताबिक शेरु को अब इस दलित महिला सुनीता के साथ रहना होगा.
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