Obama fails on Palestine
Obama fails on Palestine
OUR CORRESPONDENT
Bangalore: America has the power to dictate things to Zionist Israel. But the problem is the Jews hold the neck of America. It is chaotic inside Israel and also Palestine. The zionist-imposed head of the Palestinian govt., Abbas is unreliable, corrupt — a zionist stooge.
Every American President failed to solve the Palestinian problem — the world’s most serious and the longest lasting — because the US Govt. is in the pocket of Jews. Obama also cannot solve the Palestinian problem because he will not be allowed by the Jews controlling the White House.
Iran, the only hope: Arabs in particular and Muslims in general have been weakened, dubbed terrorists — they are all under the mercy of zionists and their money power. They have the petrol with which they can dictate and shake the whole of West. But they dare not.
The so-called Islamic terrorism, which the Jews and their Western stooges exaggerate, will end once the Palestine problem is solved.
Iran alone among the Muslim world is defying the zionists and their stooge America. China, Russia, the whole Africa, South America will go with Iran. Brahmin rulers of India go with zionists.
Hindi
ओबामा फिलिस्तीन पर विफल रहता है
हमारे संवाददाता
बंगलौर: अमेरिका इजरायल को यहूदी चीजों को तानाशाही की शक्ति है. लेकिन समस्या यह है अमेरिका के यहूदियों गर्दन पकड़ो. यह इसराइल के अंदर और अराजक भी फिलिस्तीन. फिलिस्तीनी सरकार के यहूदी लगाया सिर. अब्बास ने अविश्वसनीय भ्रष्ट है - एक यहूदी कठपुतली.
हर अमेरिकी राष्ट्रपति फिलिस्तीनी समस्या का समाधान - दुनिया के सबसे गंभीर और लंबे समय तक चलने में विफल रहा है - क्योंकि अमेरिकी सरकार. यहूदियों की जेब में है. ओबामा भी फिलिस्तीनी समस्या का समाधान नहीं है क्योंकि वह व्हाइट हाउस को नियंत्रित करने के यहूदियों द्वारा अनुमति नहीं दी जाएगी कर सकते हैं.
ईरान, यही उम्मीद: जनरल में विशेष रूप से अरबों और मुसलमानों में कमजोर हो गया है, आतंकवादी करार दिया - वे Zionists की दया के तहत सभी कर रहे हैं और अपने पैसे शक्ति. वे पेट्रोल जिसके साथ वे हुक्म चलाना और पश्चिम के पूरे हिला कर सकते हैं. लेकिन वे हिम्मत नहीं है.
तथाकथित इस्लामी आतंकवाद, जो यहूदियों और उनके पश्चिमी stooges अतिरंजना एक बार फिलिस्तीन समस्या का हल है खत्म हो जाएगा.
मुस्लिम जगत के बीच अकेले ईरान Zionists धता है और उनकी कठपुतली अमेरिका. चीन, रूस, पूरे अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका ईरान के साथ जाएंगे. भारत के शासकों ब्राह्मण Zionists के साथ जाओ.
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