हरियाणा में दबंगों ने दलित की जीभ काटी
हरियाणा में हिसार, पलवल, फरीदाबाद और अब पानीपत। दलितों के खिलाफ दबंगों की करतूत खत्म होने में नहीं आ रही। पानीपत में डेढ़ महीने पहले एक दलित ने जब अपनी जमीन पर कब्जे का विरोध किया तो दबंगों ने उसकी ज़ुबान ही काट ली। यह केस डेढ़ महीने बाद दर्ज हो पाया।
हरियाणा का समाज कैसे समझेगा कि जाति की नफरत के कारण एक दलित की जुबान काटी गई है। इतना ही नहीं उसे इतना मारा गया कि बायां पैर काम के लायक ही नहीं बचा है। रेलवे का यह ट्रैकमैन अपनी बेबसी लेकर दिल्ली इंसाफ मांगने आया।
बुधवार को मिचर्पुर के सताये दलितों से मिलने के लिए मुख्यमंत्री हुड्डा दिल्ली में थे। अगर उन्हें इतनी ही सहानुभूति थी तो दिल्ली में ही मौजूद सतबीर के परिवार से मुलाकात कर लेते।
गौरतलब है कि 23 अप्रैल को सतबीर अपनी ज़मीन पर कब्जा लेने गया था लेकिन जाट समुदाय के दो लोगों ने उसकी ये हालत कर दी। ये दबंग सतबीर को उठा कर ले गए और मेरठ की किसी झाड़ी में तड़पता छोड़ दिया था। हरियाणा में अप्रैल से लेकर अब तक यह चौथा मामला है जिसमें एक खास जाति के लोगों ने दलितों को निशाना बनाया है।
हरियाणा का समाज कैसे समझेगा कि जाति की नफरत के कारण एक दलित की जुबान काटी गई है। इतना ही नहीं उसे इतना मारा गया कि बायां पैर काम के लायक ही नहीं बचा है। रेलवे का यह ट्रैकमैन अपनी बेबसी लेकर दिल्ली इंसाफ मांगने आया।
बुधवार को मिचर्पुर के सताये दलितों से मिलने के लिए मुख्यमंत्री हुड्डा दिल्ली में थे। अगर उन्हें इतनी ही सहानुभूति थी तो दिल्ली में ही मौजूद सतबीर के परिवार से मुलाकात कर लेते।
गौरतलब है कि 23 अप्रैल को सतबीर अपनी ज़मीन पर कब्जा लेने गया था लेकिन जाट समुदाय के दो लोगों ने उसकी ये हालत कर दी। ये दबंग सतबीर को उठा कर ले गए और मेरठ की किसी झाड़ी में तड़पता छोड़ दिया था। हरियाणा में अप्रैल से लेकर अब तक यह चौथा मामला है जिसमें एक खास जाति के लोगों ने दलितों को निशाना बनाया है।
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